मुहब्बत के गीतों को - कविता
मुहब्बत के गीतों को
मुहब्बत के गीतों को लबों पर सजाये रखना यादों के चरागों को हमेशा जलाए रखना
मुहब्बत के आशियाँ को सजाये रखना यादों का एक समंदर सजाये रखना
इश्क की पाकीज़गी रहे हर पल बरकरार खूबसूरत यादों का एक कारवाँ सजाये रखना
जुनूने – इश्क में लांघी थीं हमने सभी दीवारें यादों के उस खुशनुमा गुलदस्ते को सजाये रखना
पीर दिल की किसी को न हो जाए उजागर अपने हर एक गम को सीने में दबाये रखना
मुहब्बत को कर लिया था इबादते – खुदा हमने उस खुदा पर एतबार बनाए रखना
सजायी थी कुछ यादें उस खुशनुमा पल की उन यादों का एक कारवाँ सजाये रखना
हमें जुदा करने की कोशिश की थी मुहब्बत के दुश्मनों ने बहुत उन मुहब्बत के दुशमनों को माफ़ करने का ज़ज्बा दिल में जगाये रखना
क्यूं कर हम किसी से हो जाएँ खफ़ा अपने दिल में मुहब्बत का ज़ज्बा जगाये रखना
कैसे – कैसे सितम किये थे हम पर जमाने ने खुदा के इन बन्दों के लिए दुआ करना
Mohammed urooj khan
16-Apr-2024 12:17 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
11-Apr-2024 12:28 AM
शानदार
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HARSHADA GOSAVI
02-Apr-2024 10:14 AM
Awesome
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अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
08-Apr-2024 09:29 AM
शुक्रिया जी
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